बिहार के ग्लास का ब्रिज
ग्लास का ब्रिज – हर साल बहुत से पर्याटक बिहार के राजगिरि में घूमने के लिए आते हे.
दुनिया के हर प्रान्त से बौद्ध धर्म मानने वाले भी आती हे.
इस बार राजगिरि के मुकट पर एक नया चीस युक्तो होने वाला हे.
रोपवे तो पहले से ही था इस बार राजगिरि में बनने जा रहा हे नेचर सफारी और ज़ू सफारी.
घूमने के साथ साथ प्रकृति और बनजीव के मिलान भी देख ने को मिलेगा.
नेचर सफारी इस तरह बन रहा ताकि हर कोई पहाड़ और जंगल एक साथ एन्जॉय कर साके.
घूमने का जो आनंद हे वो सुरक्षित रहे इस लिए करि सुरक्षा बन्दोबस्त किया जाएगा.
नेचर पार्क का मुख्य आकर्षण होगा ग्लास का ब्रिज. यह ब्रिज दो प्रान्त को नहीं जोड़े गा.
यह ब्रिज 85 फुट लम्बा और 6 फुट चौड़ा झूलता पुल होगा. इस पुल के ऊपर से नेचर को देखने का अलग आनंद होगा.
बिहार का यह ग्लास का ब्रिज निर्माण हुआ हे चीन के Zhangjiajie Glass Bridge के अनुकरण में.
चीन का यह ब्रिज खुला था 2016 के 20 अगस्त में. 980 फुट ऊंचाई 1410 फुट लम्बा और 20 फुट चौड़ा के साथ यह पुल एक साथ 800 टूरिस्ट को ले सकते हे.
बिहार का राजगिरि पुल देश का पहला कांच का पुल नहीं हे. इस से पहले उत्तरखंड के ऋषिकेश में इस ब्रिज का योजना बना हे. पेलिंग में भी glass skywalk हे.
लष्मणझूला बना था 1923 में हल ही में इस पुल का चलने के लिए उपयोग नहीं हे.
इसलिए ऋषिकेश में एक नया ग्लास के ब्रिज निर्माण का योजना बना हे.
ऋषिकेश का यह पुल का चौड़ा होगा 8 मीटर लम्बाई में 132.2 मीटर होगा. 2021 के कुंभ मेला से पहले ही इसका उद्घाटन किया जाए गा.
राजगिरि का ग्लास का ब्रिज 2021 में मार्च के अंदर पूरा होने का दवा किया गए हे.
राजगिरि 250 साल पुराना सहर हे. मौर्य शासक के समय देश के अन्य सहर के सामान राजगिरि भी था. आज बौद्ध और जैन धर्म के लोगो के लिए एक पवित्र शहर हे.
राजगिरि के पास में बोध गोया, नालंदा, पावापुरी घूमने के लिए पर्यटक आते हे.
बिहार सरकार को उम्मीद है पर्यटक के लिए यह जल्दी लोकप्रिय होगा.
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