अयोध्या राम मंदिर के पास घूमने की जगह
अयोध्या भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में स्थित एक ऐतिहासिक और धार्मिक रूप से महत्वपूर्ण शहर है। यह पवित्र शहर सरयू नदी के पास बसा हुआ है और अयोध्या जिले का मुख्यालय है। इतिहास में इसे ‘कोशल जनपद’ भी कहा जाता था।
यह शहर हिंदुओं के लिए एक प्रमुख तीर्थस्थल है क्योंकि यह भगवान राम का जन्म स्थान है। अयोध्या में कई मंदिर और धार्मिक स्थल हैं जो हिंदू धर्म के लिए महत्वपूर्ण हैं। आज इस लेख अयोध्या राम मंदिर के पास घूमने की जगह की बारे में जानकारी देंगे।
अयोध्या में घूमने के लिए कुछ सबसे लोकप्रिय जगह:
अयोध्या राम मंदिर के पास घूमने की जगह
श्री राम जन्मभूमि मंदिर:
श्री राम जन्मभूमि मंदिर अयोध्या में राम जन्मस्थान माने जाने वाले स्थान पर बन रहा एक भव्य मंदिर है। मंदिर का डिजाइन पारंपरिक हिंदू मंदिर वास्तुकला पर आधारित है, जिसमें गुंबद, स्तंभ और नक्काशी का खूबसूरत सम्मिश्रण है। भवन भूकंप रोधी होगा और इसमें पांच गुंबद और चार मीनार होंगी।
मंदिर का निर्माण बलुआ पत्थर से किया जा रहा है, जो राजस्थान से लाया गया है। मंदिर में भगवान राम के साथ देवी सीता, लक्ष्मण और हनुमान की मूर्तियां स्थापित की जाएंगी। अभी निर्माण जारी है, इसलिए अभी दर्शन के लिए मंदिर खुला नहीं है। हालांकि, मंदिर परिसर के कुछ हिस्सों तक श्रद्धालुओं को जाने की अनुमति है। मंदिर के पूरा होने के बाद, यह दुनिया भर से लाखों तीर्थयात्रियों को आकर्षित करने वाला एक प्रमुख तीर्थस्थल बनने की उम्मीद है।
मंदिर का निर्माण पूरी तरह से दान से हो रहा है और इसमें देशभर के लाखों लोगों का योगदान है। निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है और 2024 तक मंदिर के पहले चरण के पूरा होने की उम्मीद है। अयोध्या मंदिर का निर्माण केवल एक धार्मिक स्थल का निर्माण नहीं है, बल्कि भारत के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अध्याय है।
हनुमानगढ़ी:
हनुमानगढ़ी अयोध्या में स्थित हनुमान जी को समर्पित एक 10वीं शताब्दी का मन्दिर है। यह शहर के सबसे महत्वपूर्ण मंदिरों में से एक है। हनुमानगढ़ी अयोध्या के मध्य में स्थित है और यह एक पहाड़ी पर स्थित है। मंदिर तक जाने के लिए 76 सीढ़ियाँ चढ़नी पड़ती हैं।
मंदिर का मुख्य गर्भगृह दो मंजिला है। पहली मंजिल पर हनुमान जी की मूर्ति है और दूसरी मंजिल पर हनुमान जी की माता अंजनी की मूर्ति है। हनुमानगढ़ी मंदिर हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है। यह माना जाता है कि हनुमान जी ने अयोध्या में ही भगवान राम की सेवा की थी। इसलिए, अयोध्या आने वाले सभी श्रद्धालुओं का यहाँ दर्शन करना एक अनिवार्य कर्म माना जाता है।
हनुमानगढ़ी मंदिर की वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। मंदिर का निर्माण लाल पत्थर से किया गया है। मंदिर के मुख पर भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियाँ हैं। मंदिर के गर्भगृह में हनुमान जी की मूर्ति एक स्तंभ के ऊपर विराजित है। हनुमानगढ़ी मंदिर एक प्रमुख पर्यटन स्थल भी है। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
दशरथ महल:
दशरथ महल अयोध्या शहर में स्थित एक प्रसिद्ध मंदिर है। यह मंदिर भगवान राम के पिता, राजा दशरथ के महल के रूप में जाना जाता है। दशरथ महल रामकोट में स्थित है। यह महल एक विशाल परिसर में फैला हुआ है। महल के अंदर भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान की मूर्तियाँ स्थापित हैं। इसके अलावा, महल में कई अन्य धार्मिक स्थल भी हैं। दशरथ महल एक महत्वपूर्ण तीर्थस्थल है। यहाँ हर साल लाखों श्रद्धालु और पर्यटक आते हैं।
दशरथ महल का इतिहास
दशरथ महल की स्थापना का कोई निश्चित समय ज्ञात नहीं है। माना जाता है कि यह महल त्रेता युग में ही बना था। इस महल का उल्लेख रामायण में भी मिलता है। मध्यकाल में इस महल का जीर्णोद्धार हुआ। मुगल शासक औरंगजेब ने इस महल को नष्ट करने का प्रयास किया था, लेकिन सफल नहीं हो सका।
दशरथ महल की वास्तुकला
दशरथ महल की वास्तुकला अत्यंत सुंदर है। महल का निर्माण लाल पत्थर से किया गया है। महल के मुख पर भगवान राम, लक्ष्मण और सीता की मूर्तियाँ हैं। महल के गर्भगृह में भगवान राम, लक्ष्मण, सीता और हनुमान की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
दशरथ महल के आसपास के अन्य दर्शनीय स्थल
- श्री राम जन्मभूमि मंदिर
- हनुमानगढ़ी
- सरयू नदी
- रामकोट किला
- अयोध्या धाम
दशरथ महल की यात्रा
दशरथ महल अयोध्या शहर के बीच में स्थित है। अयोध्या से दशरथ महल की दूरी लगभग 2 किलोमीटर है। आप टैक्सी या ऑटोरिक्शा से महल तक पहुँच सकते हैं।
दशरथ महल सुबह 8 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
गुप्तार घाट:
गुप्तार घाट अयोध्या शहर में स्थित एक प्रसिद्ध घाट है। यह घाट सरयू नदी के किनारे स्थित है। गुप्तार घाट का धार्मिक महत्व है। माना जाता है कि भगवान राम ने इसी घाट से जलसमाधि ली थी। इसलिए, यह घाट हिंदुओं के लिए एक पवित्र स्थल है। गुप्तार घाट एक सुंदर घाट है। घाट पर कई छोटे-छोटे मंदिर हैं। घाट के किनारे कई पेड़-पौधे हैं। घाट पर हर समय श्रद्धालुओं और पर्यटकों का आना-जाना लगा रहता है।
गुप्तार घाट की यात्रा
गुप्तार घाट अयोध्या शहर के बीच में स्थित है। अयोध्या से गुप्तार घाट की दूरी लगभग 3 किलोमीटर है। आप टैक्सी या ऑटोरिक्शा से घाट तक पहुँच सकते हैं।
गुप्तार घाट सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक खुला रहता है।
रामकोट किला:
रामकोट किला अयोध्या के पश्चिमी भाग में स्थित एक ऐतिहासिक स्थल है। यह एक ऊंचे चबूतरे पर बना मंदिर परिसर है, यह हिंदू धर्म में श्रद्धालुओं के लिए पवित्र और महत्वपूर्ण स्मारक माना जाता है। यहां किले के बारे में कुछ मुख्य जानकारी:
इतिहास और धार्मिक महत्व:
- रामकोट किला, जैसा कि नाम से पता चलता है, भगवान राम के किले या निवास स्थान के रूप में प्रसिद्ध है। रामायण के अनुसार, वनवास के दौरान कुछ समय के लिए भगवान राम , लक्ष्मण और भरत का यही ठिकाना था।
- किले के वर्तमान मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में हुआ माना जाता है। हालांकि, इस स्थान पर प्राचीन इमारतों के अवशेष मिले हैं, जिससे यह संकेत मिलता है कि यहां पहले भी कोई महत्वपूर्ण संरचना रही होगी।
- यह माना जाता है कि हनुमान जी ने सीता माता की सुरक्षा के लिए इसी किले के पास से गुप्त गुफा के अंदर अपना निवास बनाया था।
यात्रा और पर्यटन:
- रामकोट किला पूरे साल श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए खुला रहता है।
- विशेष रूप से हिंदू त्योहारों के दौरान, जैसे कि राम नवमी और दिवाली, यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।
रामायण संग्रहालय:
इस संग्रहालय की स्थापना 1988 में हुई थी। संग्रहालय में रामायण से संबंधित विभिन्न प्रकार की कलाकृतियों और वस्तुओं का संग्रह है। इनमें मूर्तियाँ, चित्र, पांडुलिपियाँ, हस्तलिखित ग्रन्थ, मुद्रित पुस्तकें, और अन्य प्राचीन वस्तुएँ शामिल हैं।
संग्रहालय में रामायण की विभिन्न कथाओं को चित्रित करने वाली कई मूर्तियाँ हैं। इनमें भगवान राम, सीता, लक्ष्मण, भरत, शत्रुघ्न, हनुमान, और अन्य पात्रों की मूर्तियाँ शामिल हैं। संग्रहालय में रामायण के विभिन्न दृश्यों को चित्रित करने वाले कई चित्र भी हैं। इनमें रामायण के युद्ध, राम-रावण युद्ध, और अन्य घटनाओं को चित्रित करने वाले चित्र शामिल हैं।
संग्रहालय में रामायण से संबंधित कई पांडुलिपियाँ भी हैं। इनमें रामायण के विभिन्न संस्करण, और रामायण पर लिखे गए अन्य ग्रन्थ शामिल हैं। संग्रहालय में रामायण से संबंधित कई मुद्रित पुस्तकें भी हैं। इनमें रामायण के विभिन्न अनुवाद, और रामायण पर लिखे गए अन्य ग्रन्थ शामिल हैं।
संग्रहालय में रामायण से संबंधित कई अन्य प्राचीन वस्तुएँ भी हैं। इनमें रामायण से संबंधित सिक्के, शिलालेख, और अन्य वस्तुएँ शामिल हैं।